मातृवत् परदारेषु के आचरण की मान्यता वाले हमारे देश में बलात्कार जैसी घटनाएं संस्कार क्षय का ही परिणाम हैं – सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत
*श्री विजयादशमी युगाब्द 5126 के पुण्यपर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने कार्य के 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है*