रायगढ़। छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक चक्रधर समरोह इस वर्ष 7 से 16 सितंबर तक धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह महोत्सव राजा चक्रधर सिंह की कलात्मक दृष्टि का इंद्रधनुषी स्वरूप है, जो धरती और आकाश के मंच पर निरंतर जीवंत रहता है। इस समारोह में खुशी के घुंघरू और उल्लास की धुनों के साथ संस्कृति और कला का अद्वितीय संगम देखा जा सकता है। यह आयोजन कबीर साहिब के अनहद नाद की तरह जीवन की ध्वनि को जीवंत करता है।

चक्रधर समरोह की महिमा का वर्णन करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा, “चक्रधर समरोह अब छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुका है। यह न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता है, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी है। इस महोत्सव ने कला और संस्कृति को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” साथ ही श्री साहू ने कहा कि चक्रधर समारोह में खेल और खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है कुश्ती खिलाड़ियों की सराहना किये।
इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जिनमें राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप जूदेव, लोकसभा रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया, महेश साहू पूर्व डिप्टी डायरेक्टर नेहरू युवा केंद्र श्री बलवीत शर्मा, इंटरनेशनल रेफरी दिल्ली श्री अजीत मान, इंटरनेशनल रेफरी हरियाणा श्री यशवीर सिंह ढाका, कुश्ती संघ से श्री दिनेश जायसवाल एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल रहे।

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चक्रधर समारोह 2024 में आयोजित हो रहे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक संपदा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का भी कार्य किया है। यह महोत्सव 16 सितंबर तक जारी रहेगा, जिसमें कला, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला चलता रहेगा।