
जशपुरनगर / छत्तीसगढ़ सरकार के आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा दिनाक 8/10/2024 को एक आदेश जारी करते हुए समस्त कलेक्टरों को निर्देश दिया था की वे निर्धारित समय के भीतर अपने जिलों में करमा उत्सव मनाएं ।विदित हो की इस आदेश के जारी होते ही जनजातीय सुरक्षा मंच एवम अन्य आदिवासी संगठनों के कान खड़े हो गए और उन्होंने इस आदेश को आदिवासी समाज की धार्मिक आस्था एवम रूढ़ी परंपरा के विपरीत होने की बात करते हुए अपनी आस्था और रूढ़ी को लेकर सरकारी आयोजन करने पर रोक लगाने का दबाव बनाने लगे । संभवतः आदिवासी समाज के भीतर इस आदेश को लेकर उठ रहे विरोध के स्वर को राज्य सरकार ने पहले ही भांप लिया और बिना कोई देर किए हुए 8 अक्टूबर 24 को जारी आदेश को 11 अक्टूबर 24 को अपरिहार्य कारणों से स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया है।राज्य सरकार के इस आदेश को लेकर आदिवासी समाज सहित विशेषकर जनजाति सुरक्षा मंच ने इस बात की आपत्ति की थी की वर्तमान में मंच के द्वारा डिलिस्टिंग आंदोलन चलाकर धर्मांतरित लोगों को जनजाति सूची से बाहर करने की मांग की जा रही है ऐसे समय में आदिवासी समाज के रूढ़िगत पूजा करमा को राज्य सरकार के द्वारा उत्सव के रूप में मनाने का आदेश देने से इसकी पवित्रता भंग होगी। हालंकि वर्तमान में प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में विष्णु देव साय मुख्यमंत्री हैं और संभवतः संवेदनशील मुख्यमंत्री के द्वारा इस आदेश को स्थगित कर आदिवासियों की रूढ़ी परंपरा की पवित्रता को भंग होने से पहले ही रोक दिया है। पढ़िए राज्य सरकार के दोनो आदेश
